तुम्हें बहुत शिकायतें है न...?
कि मैं प्यार नहीं करता
तुमसे
कि मैं ध्यान नहीं रखता
तुम्हारा
कि मैं वक़्त नहीं निकालता
तुम्हारे लिए
मेरा अपनी चीज़ों को बिखेर देना
ताकि तुम उन्हें संवारो...
कुछ ज़रूरी काम भूल जाना
ताकि तुम याद दिलाओ...
तुम्हें बेवज़ह सताना,
कि मैं मनाऊं जब तुम रूठ जाओ...
तुम जानती हो न
कि ये प्यार नहीं तो क्या है....?
है तुम्हें पता और मुझे भी
कि रूमानियत कोई तोहफा नहीं है
कि ये कोशिश है एक आम ज़िन्दगी के
कुछ आम पलों को ख़ास बनाने की
एक दूसरे को अपनी ज़रूरत का एहसास दिलाने की
है तुम्हें पता और मुझे भी
कि रूमानियत कोई ज़िद नहीं है
कि ये तो बस एक विकल्प की चाह है
एक आम ज़िन्दगी से ऊब जाने की
या उसे प्यार से भरकर उसमे डूब जाने की
तो फिर कहो
कि तुम्हारी शिकायतें
तुम्हारी बेपनाह चाहतें है न...!
कि मेरी ये बेपरवाही
मेरी शरारतें है न...!
कि कुछ आम सी मगर बेहद खास
अपनी मोहब्बतें है न...!
- © स्नेहा राहुल चौधरी
[चित्र - गूगल से साभार ]
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (25-09-2015) को "अगर ईश्वर /अल्लाह /ईसा क़त्ल से खुश होता है तो...." (चर्चा अंक-2109) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत शुक्रिया मयंक सर! दिल से आभारी हूँ...
Deleteप्रेम के अनोखे बंधन होते हैं ... जरूरी है प्रेम का होना ...
ReplyDeleteबहुत लाजवाब ...
बहुत बहुत शुक्रिया दिगंबर सर! आभारी हूँ
Deleteप्यार के एहसास में सनी नेह की बँधी डोर न जाने कब तक लिखवाती रहेगी हर पंक्ति दिल को चीरती हुई निकली जाती है.... हर शब्द , हर पंक्ति भावनाओं के सागर में गोते लगाने को मजबूर करती है....
ReplyDeleteशुक्रिया संजय जी, आपकी टिपण्णी की हमेशा प्रतीक्षा रहती है...
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 2 जून 2016 को में शामिल किया गया है।
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !
प्रेम का बंधन सबसे नाजुक सबसे प्यारा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर